ऑपरेशन सिंदूर में आकाश मिसाइल की सफलता से खौफ में पाकिस्‍तान

AdminUncategorized1 month ago75 Views

येरेवान: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाने वाला आकाश एयर डिफेंस सिस्‍टम से अब पाकिस्‍तान और तुर्की के जिगरी दोस्‍त अजरबैजान की नींद उड़ गई है। नगर्नो कराबाख युद्ध में आर्मेनिया को मात देने के बाद भी अजरबैजान की सरकार लगातार उसे धमकाने में लगी हुई है। अजरबैजान, तुर्की और पाकिस्‍तानी हथियारों के बल पर भारत के दोस्‍त आर्मेनिया डराना चाहता था लेकिन अब आकाश मिसाइल ने उसके खेल को बिगाड़ दिया है। भारत जुलाई महीने में आकाश एयर डिफेंस सिस्‍टम की दूसरी खेप आर्मेनिया को देने जा रहा है। अजरबैजान ने आरोप लगाया है कि भारत आग को भड़का रहा है।

भारत और आर्मेनिया के बीच साल 2022 में हथियारों को लेकर बड़ी डील हुई थी। आर्मेनिया ने भारत से आकाश सतह से हवा में मार करने वाले एयर डिफेंस सिस्‍टम की 15 यून‍िट खरीदने का फैसला किया था। यह पूरा सौदा 60 अरब रुपये का था। आर्मेनिया पहला ऐसा देश है जिसने भारत से आकाश सिस्‍टम को खरीदा है। आकाश सिस्‍टम को भारत इलेक्‍ट्रानिक्‍स ने बनाया है। आकाश सिस्‍टम में 3डी इलेक्‍ट्रानिक स्‍कैनिंग रडार लगा हुआ है। आकाश की प्रत्‍येक बैट्री में 4 लांचर होते हैं और प्रत्‍येक में कम से कम 3 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें होती हैं।

आकाश ने तबाह कीं पाकिस्‍तानी मिसाइलें

भारत ने नवंबर 2024 में आर्मेनिया को आकाश मिसाइल की पहली बैट्री सौंपी थी। आकाश सिस्‍टम का विकास डीआरडीओ ने किया है। यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल फाइटर जेट, क्रूज मिसाइल और हवा से सतह पर हमला करने वाली मिसाइल को तबाह करने में सक्षम है। इसके अलावा आकाश की मदद से हमलावर ड्रोन समेत कई हवाई लक्ष्‍यों को 25 किमी की ऊंचाई तक उड़ाने में सक्षम है। पाकिस्‍तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में आकाश मिसाइल सिस्‍टम ने शानदार तरीके से देश की रक्षा की और कई पाकिस्‍तानी मिसाइलों और ड्रोन को तबाह कर दिया।

भारतीय वायुसेना ने आकाश एयर डिफेंस सिस्‍टम की जमकर तारीफ की है। इस तरह से अब आकाश सिस्‍टम युद्ध में भी अपनी क्षमता को साबित कर चुका है। यह सिस्‍टम सैन्‍य ठिकानों और महत्‍वपूर्ण जगहों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इसकी रेंज 30 किमी है और यह 18 किमी की ऊंचाई तक हमला करने में सक्षम है। यह सिस्‍टम एक समय में 64 लक्ष्‍यों को ट्रैक करता है और 12 को एक के बाद एक नष्‍ट करने में सक्षम है। इससे आर्मेनिया की एयर डिफेंस क्षमता काफी बढ़ जाती है।

तुर्की के सैन्‍य एक्‍सपर्ट ने मानी ताकत

अजरबैजान की मीडिया से बातचीत में तुर्की के अजरबैजान में पूर्व डिफेंस अताशे रिटायर ब्रिगेडियर जनरल यूसेल कराउज ने कहा कि आकाश सिस्‍टम तकनीकी रूप से एक रक्षात्‍मक हथियार है। इससे हवाई क्षेत्र की रक्षा की जा सकती है। इससे करीब 2000 किमी के इलाके की निगरानी की जा सकती है। इससे आर्मेनिया आसानी से अपने इलाके की किसी हमले से रक्षा कर पाएगा। इससे उसका एयर डिफेंस मजबूत होगा। वहीं अजरबैजान की मीडिया ने आरोप लगाया है कि इस भारतीय कवच के जरिए आर्मेनिया शांति वार्ता में समय बिता रहा है और अपनी सैन्‍य तैयारी को मजबूत कर रहा है। यूसेल ने कहा कि यह आकाश सिस्‍टम शॉर्ट टर्म में आर्मेनिया के लिए हवा और जमीनी लड़ाई में काफी मददगार साबित होगा। भविष्‍य में हवा और जमीन पर ही लड़ाई होनी है।

शैलेश कुमार शुक्ला

लेखक के बारे में

शैलेश कुमार शुक्ला

शैलेश कुमार शुक्‍ला, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्‍होंने इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय और माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय से पढ़ाई की। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। वार्ता, पीटीआई भाषा, अमर उजाला, नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में करीब 14 साल काम का अनुभव है। इंटरनैशनल डेस्‍क पर कार्यरत हैं। राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय राजनीति, विज्ञान, रक्षा, पर्यावरण जैसे विषयों के बारे में जानने और लिखने की हमेशा ललक रही है।… और पढ़ें

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