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पटना: बिहार में अपराधियों ने बड़े कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी। पटना में घर के दरवाजे पर मर्डर हुआ। गांधी मैदान के पास वारदात को अंजाम दिया गया। आरोप है कि पुलिस को खबर देने के बाद भी वो देर से पहुंची। इस घटना ने बिहार में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या बिहार में सुशासन है? गुस्साए परिजन इस सवाल का जवाब मांग रहे हैं। गोपाल खेमका अपने अपार्टमेंट के गेट पर पहुंचे ही थे कि अपराधी ने कार में ही गोली मारकर हत्या कर दी। उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वारदात गांधी मैदान थाने से 300 मीटर की दूरी पर हुई। पटना SSP और DM का आवास भी पास में ही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का घर भी सिर्फ 5 किमी दूर है।
पटना के गांधी मैदान के पास घर के बाहर गोपाल खेमका के हत्या के बाद अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की। उन्होंने कहा कि बैठक में खेमका की हत्या के मामले पर भी चर्चा की गई। इसमें बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार और पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कानून व्यवस्था राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और लापरवाही बरतने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।’ बयान में कहा गया, ‘नीतीश ने संबंधित अधिकारियों को खेमका की हत्या के मामले की जांच जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दिया।’
गोपाल खेमका हत्याकांड को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की होगी। जो लोग कानून हाथ में लेंगे, पुलिस उनके घर में घुसकर मारेगी। इसके साथ ही जिन अधिकारियों की लापरवाही से ऐसी घटना घटी है, उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा। संबंधित पदाधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। न्याय देना सरकार की जिम्मेदारी है और बिहार में कोई ऑर्गेनाइज्ड क्राइम नहीं है। एसआईटी हर पहलू की बारीकी से जांच करेगी और कोई भी अपराधी चाहे जितना भी ताकतवर हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि हमारी नजर उन अधिकारियों पर है, जो उस ‘जंगल राज’ के दौरान पले-बढ़े थे। जिन गैर जिम्मेदार अधिकारियों ने सख्त और त्वरित कार्रवाई नहीं की है, उनकी जवाबदेही तय की जाएगी। ये दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। बुलडोजर की कार्रवाई होगी और एनकाउंटर होगा। जो लोग इसे ‘महाजंगल राज’ कह रहे हैं, वे यहां ‘गुंडाराज’ लाने की मंशा रखते हैं।
गोपाल खेमका हत्याकांड: लॉ एंड ऑर्डर पर सरकार की जुबान सख्त तो विपक्ष के निशाने पर सीएम नीतीश
बताया जा रहा है कि खबर मिलने के बाद भी पुलिस देर से पहुंची। परिजन ही खेमका को अस्पताल ले गए। पुलिस के आला अधिकारी भी देर से पहुंचे। बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने इस आरोप से इनकार किया। उन्होंने ‘पुलिस कार्रवाई में देरी का कोई सवाल ही नहीं है। दरअसल, घटना की जानकारी शुक्रवार देर रात करीब 12.30 बजे पुलिस तक पहुंची। शुक्रवार रात 11 बजकर 40 मिनट पर गोलीबारी होने के बाद परिवार के सदस्य उन्हें (खेमका) कंकड़बाग इलाके में एक निजी अस्पताल ले गए, जिसमें करीब 30 से 35 मिनट लगे। अस्पताल के अधिकारियों ने ही पुलिस को सूचना दी। वरिष्ठ अधिकारी रात करीब 12 बजकर 40 मिनट पर घटनास्थल पर पहुंचे।’ उन्होंने बताया कि व्यवसायी की हत्या मामले की जांच की निगरानी के लिए एसआईटी का गठन किया गया है जिसमें विशेष कार्य बल और मध्य पुलिस जिले के अधिकारी शामिल हैं। विनय कुमार ने कहा कि हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
ये घटना इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी हाजीपुर में हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने गुंजन की हत्या के मामले में एक आरोपी मस्तु सिंह को गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में उसकी भी हत्या हो गई। नीतीश कुमार पहले लालू-राबड़ी के शासन को ‘जंगल राज’ बताते थे। उस दौर में भी कारोबारियों को निशाना बनाया जाता था। अब सवाल ये है कि क्या बिहार फिर से उसी दौर में जा रहा है? गोपाल खेमका की हत्या ऐसे समय में हुई है, जब राज्य में चुनाव होने वाले हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत को लेकर भी चर्चाएं चल रही हैं। लोग पूछ रहे हैं कि बिहार को कौन चला रहा है? आखिर अपराधियों पर लगाम कौन लगाएगा? क्या लोग मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया पोस्ट पर भरोसा करेंगे?
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘पटना में थाने से चंद कदम की दूरी पर बिहार के एक बड़े व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी गई! बिहार में हर महीने सैकड़ों व्यवसायी/कारोबारी मारे जा रहे हैं, लेकिन लोग इसे जंगलराज नहीं कह रहे हैं। इसे सरकार की ‘मीडिया मैनेजमेंट’ और छवि निर्माण की कवायद कहा जाता है।’ बिहार कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर राज्य में कानून-व्यवस्था की दयनीय स्थिति को उजागर कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार बिगड़ती कानून-व्यवस्था को रोकने में विफल रही है। राज्य में हर रोज हत्या, दुष्कर्म, अपहरण, जबरन वसूली के मामले सामने आ रहे हैं।
रोहतास के नोखा में प्रशांत किशोर ने अशोक खेमका हत्याकांड पर कहा कि लालू यादव के शासन में अपराधियों का जंगलराज था। अब सीएम नीतीश के शासन में अफसरों का जंगलराज है। इन दोनों में कोई खास अंतर नहीं है। पहले जनता अपराधियों से परेशान थी, अब अफसरों की मनमानी से त्रस्त है। पटना में गोपाल खेमका की हत्या और सिवान में तीन लोगों की बर्बर हत्या का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने बिहार में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पटना में एक बड़े व्यापारी को दिनदहाड़े गोली मार दी जाती है, सिवान में तलवार से काटकर और गाड़ी चढ़ाकर हत्याएं हो रही हैं, ये रोजमर्रा की बात हो गई है। पूर्णिया से निर्दलीय लोकसभा सदस्य राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि कोई भी सुरक्षित नहीं है। राज्य में मौजूदा राजग सरकार द्वारा अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। नीतीश जी, कृपया बिहार को बख्श दीजिए।