नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौता हुआ है। यह समझौता ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुआ। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान को सिर्फ तीन दिनों में काफी नुकसान हुआ था। इसके बाद सेंसेक्स और निफ्टी में काफी तेजी आई। सोमवार को सेंसेक्स 2500 से ज्यादा अंक चढ़ गया। वहीं निफ्टी में भी 800 अंकों से ज्यादा की तेजी आई। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई फिर से शुरू होती है तो बाजार में तेजी टिक नहीं पाएगी।
भारत और पाकिस्तान के बीच पहले भी युद्ध हुए हैं। उन युद्धों के बाद बाजार में गिरावट आई, लेकिन फिर बाजार पहले से भी ज्यादा मजबूत होकर उभरा। बजाज ब्रोकिंग ने छोटे निवेशकों को सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि डर के कारण जल्दी में अपने शेयर न बेचें। ब्रोकरेज के अनुसार, बाजार में गिरावट हमेशा के लिए नहीं रहती। जो लोग लंबे समय के लिए निवेश करते हैं, उनके लिए यह अच्छा मौका होता है। वे अच्छी कंपनियों के शेयर कम कीमत पर खरीद सकते हैं।निफ्टी ने तोड़ा चार साल का रेकॉर्ड, सेंसेक्स 2,900 अंक चढ़ा, भारत-पाक सीजफायर से उछला बाजार
1. अपने पास कैश रखें
मुश्किल समय में आपके पास पैसा होना बहुत जरूरी है। अगर आपके पास कुछ पैसा है तो आप जल्दी से कोई भी फैसला ले सकते हैं। जब बाजार में गिरावट आए तो आप उस पैसे से सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। इसलिए, अपने पैसे को बचाकर रखें और बाजार में गिरावट का इंतजार करें।
2. अलग-अलग करें निवेश
अपने पोर्टफोलियो को सिर्फ एक सेक्टर पर निर्भर न रहने दें। अलग-अलग सेक्टर में निवेश करके आप रिस्क को कम कर सकते हैं। जिन निवेशकों ने ज्यादा पैसा इक्विटी में लगाया है, वे थोड़ा पैसा डेट, सोना या चांदी में भी लगा सकते हैं। मल्टी-एसेट फंड भी एक अच्छा विकल्प है। इसमें आपके पैसे को अलग-अलग जगहों पर लगाया जाता है, जिससे नुकसान का खतरा कम हो जाता है।
3. एसआईपी करते रहें
एसआईपी उतार-चढ़ाव वाले बाजार में अच्छा काम करता है। जब बाजार गिरता है, तो आपके एसआईपी से आपको कम कीमत पर ज्यादा यूनिट्स मिलते हैं। इससे आपका पैसा धीरे-धीरे बढ़ता रहता है। लेकिन यह तभी होगा जब आप एसआईपी को बंद नहीं करेंगे। मुश्किल समय में एसआईपी को बंद करना ऐसा है जैसे तूफान में जहाज को छोड़ देना।
4. अच्छी क्वालिटी के शेयर खरीदें
यह समय रिस्क लेने का नहीं है। बड़ी कंपनियों के शेयर खरीदें। ऐसी कंपनियों के शेयर खरीदें जिनका बिजनेस अच्छा हो, जिन पर कम कर्ज हो और जिनकी कमाई स्थिर हो। ये कंपनियां मुश्किल समय में भी अच्छा प्रदर्शन करती हैं।