चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं में 26% की गिरावट, लेकिन सरकार ले रही राहत की सांस, जानिए क्‍या है वजह

AdminUncategorized1 month ago64 Views

कौटिल्‍य सिंह, देहरादून: चारधाम यात्रा की शुरुआत के एक सप्ताह के भीतर तीर्थयात्रियों की संख्या में 26% की गिरावट दर्ज की गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह गिरावट बेहतर योजना और पंजीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के कारण हुई है। उनका कहना है कि सरकार ने यात्रा शुरू होने से पहले ही ऑनलाइन पंजीकरण शुरू कर दिया था, जिससे भीड़ को नियंत्रित करने में मदद मिली। इस साल अभी तक 2.9 लाख श्रद्धालुओं ने चारों तीर्थों के दर्शन किए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 3.9 लाख थी।

इस साल चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या पिछले साल के मुकाबले कम रही। 30 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा के पहले सप्ताह में ही 26% की गिरावट देखी गई है। मंगलवार तक 2.9 लाख श्रद्धालुओं ने चार धामों के दर्शन किए, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 3.9 लाख था। इस तरह लगभग 1 लाख कम तीर्थयात्री आए।

अधिकारियों का कहना है कि यह कमी बेहतर योजना और पंजीकरण को सही तरीके से लागू करने के कारण हुई है। सरकार ने यात्रा शुरू होने से 40 दिन पहले ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन खोल दिया था। ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी यात्रा शुरू होने से कुछ दिन पहले ही शुरू कर दिया गया था। इससे शुरुआती दिनों में होने वाली भीड़ को कम करने में मदद मिली।

राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पिछले साल के अनुभव को देखते हुए इस बार 20 मार्च को ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया था। इसके अलावा, आधार कार्ड का वेरिफिकेशन भी अनिवार्य कर दिया गया था और यात्रियों को आगे बढ़ने की अनुमति देने से पहले उनके दस्तावेजों की अच्छी तरह से जांच की गई। मंत्री जी ने कहा, हमने ऑफलाइन बुकिंग काउंटर भी बढ़ा दिए थे, जिससे बेहतर योजना बनाकर भीड़ को रोकने में मदद मिली।

दून स्थित थिंक-टैंक, SDC फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस गिरावट का मुख्य कारण इस साल यात्रा का अलग-अलग समय पर शुरू होना है। साल 2024 में केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री 10 मई को खुले थे, जबकि बद्रीनाथ 12 मई को खुला था। इसके विपरीत, इस साल केदारनाथ 2 मई को खुला, जबकि यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट 30 अप्रैल को ही खुल गए थे। बद्रीनाथ 4 मई को खुला। इस वजह से तीर्थयात्रियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ी।

उन्होंने आगे कहा कि धीमी शुरुआत के बावजूद, यात्रा के मई के दूसरे भाग में चरम पर पहुंचने की उम्मीद है। पिछले साल भी ऐसा ही देखा गया था, जब गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने पर अधिक तीर्थयात्री आए थे। नौटियाल ने सरकार और सभी संबंधित पक्षों से आग्रह किया कि वे इस तीर्थयात्रा को सिर्फ एक पर्यटन कार्यक्रम के रूप में न देखें, बल्कि इसे आध्यात्मिक रूप से पवित्र और पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील अभ्यास के रूप में देखें। इसके लिए संतुलन, योजना और दूरदर्शिता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, हमें इस तीर्थयात्रा को सिर्फ पर्यटन नहीं मानना चाहिए, बल्कि इसे अध्यात्म और पर्यावरण के नजरिए से भी देखना चाहिए।

बुधवार तक 25 लाख से अधिक लोगों ने यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें से 8.7 लाख केदारनाथ, 7.8 लाख बद्रीनाथ, 4.5 लाख गंगोत्री और 4.1 लाख यमुनोत्री के लिए हैं।

Kautilya Singh

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A Senior Assistant Editor in TOI with an inclination towards political reporting. Covers chief minister office, Congress and Tourism.… और पढ़ें

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