तेलअवीव/अंकारा: ईरान पर इजरायल के भीषण हमले से तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन घबरा गए हैं। ऑटोमन साम्राज्य की तरह मुस्लिम दुनिया का खलीफा बनने का सपना देख रहे एर्दोगन ने ऐलान किया है कि उनका देश मिसाइलों का उत्पादन बढ़ाएगा। एर्दोगन ने कहा कि मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों को बनाया जाएगा ताकि कोई भी देश तुर्की पर हमले का दुस्साहस नहीं कर पाए। एर्दोगन का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब इजरायल में कई विश्लेषक सलाह दे रहे हैं कि ईरान के बाद तुर्की पर हमला करके उसे सबक सिखाया जाए। इजरायल और तुर्की के बीच हमास को लेकर पहले से ही तनाव बढ़ा हुआ है।
तुर्की के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि ईरान और इजरायल की लड़ाई ऐसी जगह पर पहुंच गई है जहां से लौटने का अब कोई रास्ता नहीं है। एर्दोगन के मिसाइल बनाने के ऐलान से अब क्षेत्र में हथियारों की रेस भड़कने का खतरा मंडराने लगा है। तुर्की पहले से ही हमलावर ड्रोन का सुपरपावर है और अब मिसाइल ताकत को बढ़ाकर इजरायल को हमले करने से रोकने का प्रयास कर रहा है। ईरान ने ताजा लड़ाई में सैकड़ों मिसाइलें इजरायल पर दागी हैं जिनमें से कई को इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम मार गिराने में असफल रहे। इसी से सीख लेते हुए अब खलीफा एर्दोगन भी मिसाइल ताकत बढ़ाना चाहते हैं।
इजरायल पर बरसे तुर्की के विदेश मंत्री
इस बीच तुर्की के विदेश मंत्री फिदान ने भी इजरायल पर हमला बोला है। फिदान ने कहा कि हमारे इलाके में इजरायल एक समस्या है। ईरान के खिलाफ इजरायल के गैरकानूनी हमले से पूरे इलाके में तबाही आएगी। बता दें कि इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई के 9 दिन पूरे हो गए हैं और दोनों ही तरफ से मिसाइलों, ड्रोन और फाइटर जेट से भीषण हमले किए जा रहे हैं। इजरायल का दावा है कि ईरान परमाणु बम बनाने की कोशिश कर रहा है। इजरायल ने ईरान के कई परमाणु वैज्ञानिकों और 20 से ज्यादा सैन्य कमांडरों को मार दिया है।
एर्दोगन ने कहा कि इजरायल के हमले का असर कई साल तक यूरोप से लेकर एशिया तक देखा जाएगा। एर्दोगन ने इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी के यूथ फोरम की इस्तांबुल में हुई बैठक में यह बयान दिया। इस दौरान एर्दोगन ने संकेत दिया कि तुर्की को भी अपनी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना होगा ताकि उनके देश पर कोई भी हमला नहीं कर पाए। सोमवार को कैबिनेट की एक बैठक के बाद एर्दोगन ने कहा, ‘हम मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों को बनाने का प्लान बना रहे हैं ताकि उनके जखीरे को बढ़ाया जा सके। हालिया घटनाक्रम को देखते हुए इन मिसाइलों की संख्या को इस स्तर तक बढ़ाया जाएगा ताकि प्रतिरोधक क्षमता को सुनिश्चित किया जा सके।’
एर्दोगन ने गिनाए तुर्की के हथियार
तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि अल्लाह की इच्छा होगी तो हम बहुत जल्द ही अपनी रक्षा क्षमता तक पहुंच जाएंगे और इतने ताकतवर हो जाएंगे कि कोई भी हमारे खिलाफ हमले का दुस्साहस नहीं कर पाएगा। उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि तुर्की ड्रोन, फाइटर जेट, हथियारबंद वाहन और युद्धपोत को खुद से बनाने में सफल हो गया है। इसे आगे भी बढ़ाने की जरूरत है। तुर्की नाटो का सदस्य देश है, फिर भी हमले के डर में जी रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि एर्दोगन इन मिसाइलों के जरिए इलाके में हथियारों की रेस को बढ़ा रहे हैं।
इस बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा है कि अगर अमेरिका इजराइल के साथ युद्ध में सक्रिय रूप से शामिल होता है तो यह ‘सभी के लिए बेहद खतरनाक’ होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी सैन्य भागीदारी पर विचार कर रहे हैं। अराघची ने इसी संदर्भ में कहा कि ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा।’ अराघची ने यह बात जिनेवा से वार्ता के बाद लौटते समय इस्तांबुल में पत्रकारों से बातचीत में कही। हालांकि इस बातचीत में कोई कूटनीतिक सफलता हासिल नहीं हो सकी। वार्ता समाप्त होने पर अराघची ने कहा कि वह आगे की बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इजराइल की ओर से हमले जारी रहने के बीच तेहरान को अमेरिका के साथ बातचीत करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।