अखिलेश यादव राजा हैं, हम प्रजा हैं, उन्हें हमारी भी सुननी चाहिए थी

kisded kisdedUncategorized11 hours ago8 Views

प्रवीन मोहता, इटावा: समाजवादी राजनीति के गढ़ को कभी मिनी राजधानी भी कहा जाता था। बीते दिनों इटावा में यादव जाति के कथावाचक को ब्राह्मणों ने कथित तौर पर पीटकर चोटी काट दी। इसके बाद अखिलेश यादव समेत कई नेता इस विवाद में कूद पड़े। गांव का झगड़ा अब राजनीतिक गलियारों से होता हुआ जातीय अस्मिता तक पहुंच गया है। अगड़े बनाम पिछड़े की राजनीतिक लड़ाई अब गाढ़ी होती दिख रही है।

इटावा जिले के ब्राह्मण बहुल दादरपुर गांव में आचार्य पंडित मुकुटमणि अपने दो साथियों संत सिंह यादव और श्याम कठेरिया के साथ 21 जून को भागवत कथा सुनाने पहुंचे। लोगों का आरोप है कि कथावाचक मुकुटमणि ने महिलाओं को गलत तरीके से स्पर्श किया। भरे कलश की बजाय खाली कलश से पूजा कराने की बात कही। इस बीच बात फैली कि मुकुटमणि ब्राह्मण नहीं हैं।

कुछ युवकों ने मुकुटमणि के बैग में रखे पहचान-पत्र चेक किए तो ब्राह्मण और सिंह सरनेम वाले दो आधारकार्ड मिले। मुकुटमणि और अन्य को पीटा गया, चोटी काटने के बाद सिर मुंडवाकर नाक रगड़वाई। कथित तौर पर मुकुटमणि पर मानव-मूत्र डाला गया। मारपीट का विडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने रिपोर्ट लिख दादरपुर गांव के 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं दूसरे पक्ष का आरोप है कि मुकुटमणि के यादव बिरादरी से होने के बाद 21 जून की रात बंधक बनाकर पीटा गया। रुपये और चेन छीनी गई। वाद्ययंत्र तोड़े गए। पूरी घटना का विडियो बनाकर उपद्रवियों ने ही वायरल किया।

कथावाचक की पिटाई कैसे बनी सियासी मुद्दा?

इटावा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का होमटाउन है। बीते कुछ साल से पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) की राजनीति पर फोकस कर रहे अखिलेश ने मुकुटमणि और उनके दोनों साथियों को लखनऊ बुलाकर सम्मानित किया। उन्होंने तीनों को 21-21 हजार रुपये भी दिए। अखिलेश ने आरोप लगाया कि जैसे-जैसे पीडीए समाज में चेतना बढ़ रही है, वैसे-वैसे अत्याचार बढ़ रहा है। बीजेपी राज में पीडीए पर अत्याचार होते हैं। इतना ही परहेज है तो लोग पीडीए समाज से आने वाला दान, चंदा न लें।

आयोजक की पत्नी के आने से माहौल और गर्माया?

मामले में गिरफ्तारियों और अखिलेश यादव के हस्तक्षेप के बाद कथा आयोजक जयप्रकाश तिवारी की पत्नी रेनू 24 जून को इटावा पुलिस के पास पहुंचीं। दावा किया कि कथावाचक ने उन्हें गलत तरीके से टच किया और धमकी दी कि उनके एक राजनीतिक पार्टी और उनके नेता से संबंध हैं। हम सभी को घर से उठवा लेंगे।

दादरपुर गांव के जयप्रकाश ओर रेनू ज्यादातर हरिद्वार में रहते हैं। मामला जातिगत अस्मिता पर आता देख यूपी ब्राह्मण महासभा के पदाधिकारी भी इटावा के एसएसपी बृजेश श्रीवास्तव से मिले और कथावाचक पर कार्रवाई की मांग की। गुरुवार को जयप्रकाश और रेनू ने कहा कि अखिलेश यादव राजा हैं, हम प्रजा हैं। उन्हें हमें भी बुलाकर बात सुननी चाहिए थी।

कहां के निवासी हैं मुकुटमणि?

जानकारों का कहना है कि मुकुटमणि की बहन दादरपुर गांव से 3 किमी दूर नगला मोतीराम में ब्याही है। मुकुटमणि पिछले 15-20 साल से अछल्दा क्षेत्र में रहते हैं। मुकुटममणि ने दावा किया है कि आधारकार्ड गलत नाम से ही जेनरेट हुए हैं। दोनों कार्ड के नंबर एक हैं। 50 लोगों की मौजूदगी में कैसे किसी महिला को गलत टरीके से छुआ जा सकता है। 24 जून को दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद छेड़खानी की बात सामने आने लगी।

दादरपुर गांव के बाहर क्यों भड़की हिंसा?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार रात कानून-व्यवस्था पर बैठक की। इसमें इटावा की घटना पर एसएसपी को खूब डांटा। सीएम ने पुलिस को चेतावनी दी कि जातिगत वैमनस्य न फैले। साथ ही कथावाचक के दो आधारकार्ड मामले की जांच की जाए। गुरुवार को पुलिस ने कथावाचक मुकुटमणि के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। हिंदूवादी संगठनों के 25-30 लोग दादरपुर गांव पहुंच गए। इससे अहीर रेजिमेंट और यादव महासभा जैसे संगठन भड़क गए।

इन संगठनों के सैकड़ों युवकों ने महेवा क्षेत्र के दादरपुर गांव में घुसने का प्रयास किया। पुलिस के रोकने पर मारपीट और पथराव हुआ। पुलिस की एक जीप तोड़ दी गई। पुलिस ने लाठी पटक स्थितियां संभालीं। कानपुर रेंज के डीआईजी हरीश चंदर ने कहा कि गुरुवार की वारदात में 12 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। दादरपुर में प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करने जा रहे गगन यादव को पहले ही रोक लिया गया था। पुलिस ने उपद्रवियों की कई गाड़ियां कब्जे में ले ली हैं।

जमीन पर क्या है स्थिति?

इटावा-औरैया के सामाजिक ढांचे में मुख्य तौर पर यादव, दलितों और ब्राह्मणों का बोलबाला रहा है। जानकार कहते हैं कि ब्राह्मणों और यादवों के बीच तनातनी अब खुलकर सामने आई है, लेकिन ये नई बात नहीं है। अक्सर दोनों जातियों में खींचतान होती रहती है। क्षेत्र में मनोरमा यादव और साधना यादव जैसी महिला कथावाचक भी हैं। इनकी कथाओं में खूब भीड़ उमड़ती है। कुछ लोगों का कहना है कि यादव जाति से आने वाले जय गुरुदेव के आश्रम में सभी वर्गों के लोग पूरी श्रद्धा से पहुंचते हैं।

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