Swift Summary
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर तीखा हमला करते हुए चेतावनी दी कि यदि रूस ने यूक्रेन युद्ध जारी रखा तो उसे “बहुत तगड़ी चोट” झेलनी पड़ेगी।
- ट्रंप ने 50 दिनों की समयसीमा तय करते हुए कहा कि यदि इस समय सीमा में युद्धविराम समझौता नहीं हुआ तो रूस पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा।
- अमेरिका द्वारा यूक्रेन को पैट्रियट वायु रक्षा प्रणाली भेजने की घोषणा भी हुई ताकि वह रूसी हमलों से अपनी हिफाज़त कर सके।
- व्हाइट हाउस में नाटो चीफ मार्क रूट के साथ बैठक के दौरान बातचीत में, ट्रंप ने संकेत दिया कि व्यापारिक रणनीति को युद्ध समाधान का उपकरण बनाया जा सकता है।
- उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि पुतिन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों (बुश, क्लिंटन, ओबामा और बाइडन) को मूर्ख बनाते रहे हैं लेकिन उन्हें (ट्रंप को) ऐसा नहीं कर पाए हैं।
- अमेरिका की मध्यस्थता में रूस और यूक्रेन बातचीत विफल रहने पर ट्रंप ने निराशा जाहिर की और कहा कि पुतिन उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं क्योंकि उनकी कथनी और करनी में फर्क है।
Indian Opinion Analysis
डोनाल्ड ट्रंप का हालिया बयान न केवल वैश्विक राजनीति बल्कि मौजूदा रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है। उनके द्वारा 50 दिनों की समयसीमा देना एक जोरदार राजनयिक दबाव रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जबकि व्यापार प्रतिबंध लगाने की धमकी आर्थिक दण्डनीय दृष्टिकोण को दर्शाता है।
अमेरिका का यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइल सिस्टम उपलब्ध कराने का निर्णय संघर्ष क्षेत्र से जुड़े तनावों को बढ़ा सकता है और पश्चिमी देशों तथा रूस के बीच दूरी पैदा करने वाले कारकों को और मजबूत करेगा। भारत जैसी तटस्थ स्थिति रखने वाली अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह स्थिति निरंतर संतुलन साधने की चुनौती पैदा करती है क्योंकि ये विकासशील देश दोनों पक्षों से जुड़ी कूटनीतिक एवं आर्थिक गतिविधियों से प्रभावित हो सकते हैं।
वैश्विक शक्ति संतुलनों पर इस घटनाक्रम का असर व्यापक होगा; हालांकि भारत फिलहाल सतर्कतापूर्ण रवैया अपनाए रखना चाहेगा जैसा उसने अतीत में किया था-रूस तथा पश्चिमी देशों दोनों संग अपने संबंध बनाए रखते हुए।
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