ऊंट के आंसू में छिपा इलाज: 26 सांपों के जहर का तोड़

IO_AdminUncategorized18 hours ago6 Views

Curated by: रिजवान|नवभारतटाइम्स.कॉम

एक नए अध्ययन से पता चलता है कि ऊंट के आंसू की एक बूंद कई सांपों के जहर को खत्म कर सकता है। ये रिसर्च सांप के काटने से होने वाली मौतों को बहुत कम कर सकती है।

camel tear snake venom
मेडिकल एक्सपर्ट इसे एक महत्वपूर्ण खोज मान रहे हैं।

गबोरोन: रेगिस्तानी इलाकों के लिए बेहद उपयोगी जानवर माना जाने वाले ऊंट की वजह से मेडिकल क्षेत्र में क्रान्ति हो सकती है। एक नई रिसर्च कहती है कि ऊंट का आंसू सांप के काटने का रामबाण इलाज हो सकता है। बीकानेर स्थित नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन कैमल (NRCC) के अध्ययन में पाया गया है कि ऊंट के आंसुओं में पाए जाने वाले एंटीबॉडी 26 सांपों के जहर को निष्क्रिय कर सकते हैं। यह अध्ययन सांप के काटने के इलाज के लिए नया रास्ता खोल सकता है।

लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसीन के स्नैकबाइट रिसर्च सेंटर ने भी पाया था कि सांप के काटने की दवाई के लिए ऊंट का आंसू कारगर हो सकता है। इससे पहले दुबई की सेंट्रल वेटरनरी रिसर्च लेबोरेटरी के शोध में भी ऊंट के आंसूओं की अद्भुत क्षमताओं पर प्रकाश डाला गया था। इन क्षमताओं की वजह से ऊंट के आंसू की कीमत काफी ज्यादा होती है। ये कीमत अब और ज्यादा बढ़ सकती है।

रिसर्च में मिली सफलता

NRCC के वैज्ञानिकों का कहना है कि ऊंट के आंसू सांप के जहर को बेअसर करने में सक्षम हैं। NRCC शोधकर्ताओं ने ऊंटों के आंसू से सॉस्केल्ड वाइपर के जहर का इलाज करने में कामयाबी पाई है। यह सांपों की विषैली प्रजाति है। इस सांप के काटने के बाद किसी की जान बचना मुश्किल माना जाता है। ऊंट के आंसुओं से निकाले गए एंटीबॉडी को जहर के घातक प्रभावों को बेअसर करने में सफलता मिली है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि ऊंट के आंसूओं में विशेष प्रकार के एंटीडोट होते हैं, जो सांप के जहर के खिलाफ बेहद प्रभावी होते हैं। ऐसे में ऊंट के आंसू से सांप के जहर के इलाज के लिए असरदार दवाएं बनाई जा सकती हैं। इस तरह की दवा भारत समेत उन देशों के लिए बड़ी राहत ला सकती है, जहां हर साल सांप के काटने से हजारों की संख्या में मौतें होती हैं।

बिहार के ‘स्नैक मैन’ जय सहनी का आखिरी वीडियो, सांप के काटने से हुई मौत

एक्सपर्ट का कहना है कि ऊंट के आंसूओं की ऊंची कीमत की वजह इनमें सांप के काटने के इलाज की संभावना के अलावा कई तरह के प्रोटीन भी पाए जाते हैं। यही प्रोटीन ऊंट को रेगिस्तान के मुश्किल वातावरण में संक्रमणों से बचाकर जीवित रहने में मदद करता है। ऊंट के आंसूओं में लाइसोजाइम नाम का एंजाइम भी होता है। लाइसोजाइम को प्राकृतिक एंटीबायोटिक माना जाता है।

रिजवान

लेखक के बारे मेंरिजवानरिज़वान, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्‍होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और भारतीय जनसंचार संस्थान से पढ़ाई की है। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। इसके बाद वन इंडिया, राजस्थान पत्रिका में काम किया। फिलहाल नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में इंटरनेशनल डेस्‍क पर काम कर रहे हैं। राजनीति और मनोरंजन की खबरों में भी रूचि रखते हैं। डिजिटल जर्नलिज्म में काम का अनुभव करीब 8 साल है।… और पढ़ें

Read More

0 Votes: 0 Upvotes, 0 Downvotes (0 Points)

Leave a reply

Recent Comments

No comments to show.

Stay Informed With the Latest & Most Important News

I consent to receive newsletter via email. For further information, please review our Privacy Policy

Advertisement

Loading Next Post...
Follow
Sign In/Sign Up Sidebar Search Trending 0 Cart
Popular Now
Loading

Signing-in 3 seconds...

Signing-up 3 seconds...

Cart
Cart updating

ShopYour cart is currently is empty. You could visit our shop and start shopping.